यशस्वी विश्वास में इंग्लैंड में पहला शतक जमा करें टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया. उन्होंने बताया कि कप्तान शुभमन गिल की शांत और स्थिर मौजूदगी ने उन्हें बड़े स्कोर तक पहुंचने में काफी मदद की.

यशस्वी जायसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्ट मैच में 158 गेंद पर शानदार 101 रन बनाए. 16 चौके और एक छक्का झड़ते हुए गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी, लेकिन आखिरकार बेन स्टोक्स ने उनका विकेट चटका ही दिया.
गिल के साथ साझेदारी में आया आत्मविश्वास
जायसवाल ने बताया कि शुभमन गिल के साथ 129 रनों की साझेदारी के दौरान दोनों ने का आपसी बातचीत से खेल को कंट्रोल में रखा. पहले 17 में दो विकेट गिरने के बाद उन्होंने टीम को संभालते हुए इंग्लैंड पर दबाव बना दिया.
पहले इंग्लैंड सेंचुरी जयसवाल की खास उपलब्धि
जायसवाल ने कहा कि हर शतक खास होता है, लेकिन इंग्लैंड में पहला शतक उनके लिए बेहद यादगार रहा. इससे पहले भी वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया में भी शतक जमा चुके हैं लेकिन यह परी उन्हें हमेशा याद रहेगी.
बॉलर की चाल को पढ़कर बदली रणनीति
उन्होंने बताया कि वह गेंदबाजों की फील्डिंग सेटिंग और लेंथ को ध्यान में रखकर खेल रहे थे. खराब गेंद को बाउंड्री में बदलने और टीम की जरूरत के अनुसार रन बनाना ही उनकी प्राथमिकता थी.
आईपीएल के बाद कैसे बदला माइंडसेट?
2 महीने की आईपीएल लीग के बाद लाल गेंद के साथ खेलना चुनौती पूर्ण था, लेकिन जायसवाल ने मानसिक रूप से खुद को तैयार किया. उन्होंने कहा की प्रक्रिया पर भरोसा और खुद को व्यक्त करने की सोने उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने में मदद की.
गौतम गंभीर और अभ्यास मैच से मिली मदद
जायसवाल ने माना कि इंग्लैंड रिलायंस और सीनियर टीम के खिलाफ हुए प्रेक्टिस माचो से उन्हें परिस्थितियों को समझने में मदद मिली. गौतम गंभीर से मिली सलाह और लंबी पारी की योजना ने उन्हें मैदान पट्टी के रहने में मदद की.
यशस्वी जयसवाल की यह पारी इंग्लैंड में उनके आत्मविश्वास और परिपक्वता का प्रमाण है. उन्होंने न सिर्फ खुद को साबित किया बल्कि कप्तान गिल के साथ मिलकर भारत को मजबूती स्थिति में पहुंचा और गेंद की कमर तोड़ दी.